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Motivational story ये कहानी आपको सफल बनाने में मदद करेगी। हर कोई सफल होना चाहता है लेकिन

Motivational story ये कहानी आपको सफल बनाने में मदद करेगी।
Motivational कहानी पढ़ने से हम दूसरों केद्वारा की गई गलतियों को जान पाते है ताकि हम ऐसी गलती ना करें।
इसलिए आपको Motivational story बीच -बीच में पढ़नी चाहिए।

गुरु तथा 3 शिष्यों की कहानी।
एक बार गुरु अपनेे कुछ  शिष्यों के साथ बैठे हुए थे और अपने शिष्यों को ज्ञान बांट रहे थे। तभी वहां पर 3 बालक आते हैं और गुरु जी से कहते हैं गुरु जी आप हमें अपना शिष्य बना लीजिए।

गुरुजी ने मुस्कुराते हुए उन बालकों से कहते हैं मैं तुम लोगों को अपना शिष्य तभी बनाऊंगा जब तुम लोग तालाब से इस बांस की टोकरी में पानी भर कर ले आओगे तो तीनों बालकों को लगा बस इतना ही कार्य करना है तभी तीनों बालकों ने टोकरी उठाई और तालाब से पानी भरने के लिए चल दिए।

पहले बालक ने तालाब से पानी भरकर बांस की टोकरी को जैसे ही बाहर निकाला वह देखता है कि टोकरी से सारा पानी झरने लगता है और वह बालक बैठ कर रोने लगता है। और कहता है कि जब शिष्य नहीं बनाना था तो कह देते तुम लोगों को शिष्य नहीं बनाऊंगा लेकिन इस बांस की टोकरी में पानी कोई भी कैसे ले जाएगा।

और दूसरे बालक ने भी कई बार प्रयास किया लेकिन अंत में वह भी हार मान लेता है दूसरे बालक ने भी यह कहने लगा कि गुरु जी हम लोगों को अपना शिष्य नहीं बनाना चाहते हैं इसलिए हम लोगों को ऐसा असंभव कार्य दिए हैं जो हम तो क्या कोई भी नहीं कर सकता है।


वहीं तीसरे बालक ने यह ठान लिया था कि मैं गुरुजी का शिष्य बन कर ही रहूंगा चाहे इसके लिए मुझे कितना ही मेहनत क्यों ना करना पड़े मैं इस बांस की टोकरी में पानी लेकर ही जाऊंगा। जब गुरु जी ने हमें ऐसा कार्य सौंपा है तो इसका जरूर कोई उपाय होगा।

तीसरा बालक थक जाने के बावजूद भी लगातार मेहनत करता रहा और वह देखता है कि टोकरी से पानी धीरे-धीरे झरना कम हो रहा है जिससे बालक को एहसास हो जाता है कि बार-बार टोकरी के भीगने से बांस पानी सोखकर फूल रहा है जिसके कारण टोकरी का छेद बंद हो रहा है और अंत में बालक के लगातार प्रयास से बांस की टोकरी से पानी झरना बंद हो जाता है।

और तीसरा बालक पानी से भरी बांस की टोकरी लेकर गुरुजी के पास पहुंच जाता है। गुरु जी बालक को देखकर मुस्कुराते हैं और कहते हैं आज से तुम मेरे शिष्य  हो तभी बालक बहुत खुश होता है और गुरु जी को प्रणाम करते हुए बालक ने गुरु जी के पैर छुए।
इस कहानी के माध्यम से आपने क्या सीखा है?
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि यदि हमें सफल होना है या फिर अपने लक्ष्य को पाना है तो हमें लगातार मेहनत करना चाहिए।

यदि आप एक student हैं और रोज 8 घंटे पढ़ाई करते हो लेकिन किसी दिन किसी परेशानी की वजह से आप पढ़ाई नहीं करते हो तो यही असफलता का कारण बन जाता है भले ही आप को 2 घंटे ही मिले  पढ़ना जरूर चाहिए।

लगातार मेहनत करने से एक दिन अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचते हैं।

यदि आपको यह motivation कहानी पसन्द आई हो तो कमेंट करके हमें जरूर बताएं।

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