मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन 69 किलो वर्ग के टोक्यो ओलंपिक सेमीफाइनल में तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली ने 5-0 से हरा दिया भारतीय खिलाड़ी लवलीना की इस हार से टोक्यो ओलंपिक में चुनौती समाप्त हो गई। यह भारत की तरफ से टोक्यो ओलंपिक में तीसरा पदक जीतने वाली महिला बन गई है 23 वर्षीय लवलीना मुक्केबाजी में भारत की तरफ से पहला पदक जीतने में कामयाब रही। इस हार की वजह से लवलीना को कांस्य पदक हासिल हुआ।
लवलीना 2018 मेंं ए ई बी ए विश्वविद्यालय मुक्केबाजी चैंपियनशिप एवं 2019 ए ई बी ए विश्ववद्यालय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में दो बार कांस्य पदक जीता था।
दिल्ली में आयोजित प्रथम भारतीय ओपन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीती थीं और गुवाहाटी में आयोजित द्वितीय भारतीय ओपन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी टूर्नामेंट में रजत पदक जीती थीं।
टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला रजत पदक मीराबाई चानू , दूसरा कांस्य पदक पीवी सिंधु ने दिलाया था अब तीसरा पदक दिलाने वाली है भारतीय मुक्केबाज लवलीना बन गई है।
पुरस्कार - लवलीना को मुक्केबाजी में अर्जुन पुरस्कार मिल चुका है।
परिचय - लवलीना का पूरा नाम लवलीना बोरगोहेन है।
जन्म- 2 अक्टूबर 1997 को भारत के असम राज्य में हुआ था।
उम्र - 23 वर्ष
लंबाई - 1.77 मीटर
वजन - 69kg
राष्ट्रीयता - भारतीय
पुरस्कार - अर्जुन पुरस्कार
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