भूकंप कैसे आता है?-
हम आपको जानकारी के लिए बता दे की पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं, जिसे इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट कहते हैं। जानकारी के अनुसार ये पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है। जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। इस जगह पर सबसे ज्यादा भूकंप का असर रहता है। हालांकि, भूकंप की तीव्रता अगर ज्यादा होती है तो इसके झटके काफी दूर तक महसूस किए जाते हैं।
आपको भी जानकारी होगी की बहुत सारे देशों में जितनी तेज तीव्रता के भूकंप आते हैं उतना ही ज्यादा वहां नुकसान या हानि होती है
रिक्टर स्केल असर
0 से 1.9 - सीस्मोग्राफ से ही भूकंप के बारे में जानकारी मिलती है।
2 से 2.9- हल्का कंपन महसूस होता है।
3 से 3.9- जब कोई ट्रक नजदीक से गुजरता है तो ऐसा ही असर होता है।
4 से 4.9 -घरों की खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवरों पर टंगी फ्रेम गिर सकती है।
5 से 5.9- फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9- इमारतों की नींव दरक सकती है और ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9- इमारतें गिर जाती हैं और जमीन के अंदर मौजूद पाइप फट जाते हैं।
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
जानकारी के लिएबता दें कि भूकंप की तीव्रता का पता लगाने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है। रिक्टर स्केल पर 1 से 9 तक आए भूकंप के झटकों को मापा जाता है। भूकंप आने के दौरान पृथ्वी के नीचे से ऊर्जा तरंगे निकलती हैं। उसे रिक्टर स्केल के जरिए मापा जाता है। इसके बाद ही यह पता लग पाता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी थी और इसका केंद्र बिंदु किस क्षेत्र में था।
दोस्तों जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं।
0 टिप्पणियाँ