Ticker

6/recent/ticker-posts

भूकंपीय तरंगें क्या होती हैं?What are seismic waves?

भूकंपीय तरंगें-
                      आपने भी कभी ना कभी भूकंप के झटके को महसूस किया होगा जब भूकंप आता है इस दौरान भूकंपीय तरंगे उत्पन्न होती है जो पृथ्वी के केंद्र से सभी दिशाओं में बाहर की ओर प्रसारित होती है।
इसे भी पढ़े।

भूकंप की तरंगों के प्रकार-
                                    भूकंपीय तरंगे मुख्य रूप से तीन प्रकार की होते हैं।
1. P तरंगें या प्राथमिक तरंगें, 
2. S तरंगें या द्वितीयक तरंगें और 
3. L तरंगें या सतही तरंगें।

1. P तरंगें या प्राथमिक तरंगें-
                                          P तरंगें या प्राथमिक तरंगें ये संपीडन तरंगें होती हैं जो चट्टान के कणों के अनुदैर्ध्य दिशा में कंपन करने के कारण बनती या उत्पन्न होती हैं।

       P तरंगों की गति सबसे तेज होती है इसलिए यह सबसे पहले भूकंपीय स्टेशनों पर पहुंचती है।

      P तरंगों की गति S तरंगों की गति से लगभग 1.7 गुना अधिक होती है।

        P तरंगे ठोस के साथ द द्रव्य से भी गुजर सकती है।

2. S तरंगें या द्वितीयक तरंगें-
                                          S तरंगें या द्वितीयक तरंगें कहते हैं यह अपरूपण तरंगें हैं जो प्रकृति में अनुप्रस्थ होती हैं।

    S तरंगे केवल ठोस पदार्थ से ही गुजर सकती है यह द्रव्य से नहीं गुजर सकती है।

3. L तरंगें या सतही तरंगें-
                                      जब P और S तरंगे दोनों एक साथ पृथ्वी के सतह पर पहुंचती है तो वह L तरंगों में परिवर्तित हो जाती है।

       L तिरंगे सतह के समानांतर चलती है और यही L तरंगे भूकंप का कारण भी बनती है। 

       L तरंगें अनुप्रस्थ प्रकृति की होती हैं और उनका वेग P और S तरंगों से बहुत कम होता है।

नोट:-
        L तरंगें भूकंप उत्पन्न करने के लिये उत्तरदायी होती हैं जबकि P और S तरंगों का मुख्य महत्त्व पृथ्वी के आंतरिक भाग के अध्ययन में किया जाता है। 

दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं।






एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ