इस अधिनियम को मार्ले मिंटो सुधार के नाम से भी जाना जाता है इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं।
*. इस अधिनियम के द्वारा पहली बार मुस्लिम समुदाय के लिए पृथक प्रतिनिधित्व का उपबंध किया गया इसके अंतर्गत मुस्लिम सदस्यों का चुनाव मुस्लिम मतदाता ही कर सकते थे।
इस प्रकार इस अधिनियम ने सांप्रदायिकता को वैधानिकता प्रदान की और लॉर्ड मिंटो को सांप्रदायिक निर्वाचन के जनक के रूप में जाना गया।
*. इस अधिनियम के तहत प्रांतीय विधान परिषदों की संख्या में वृद्धि की गई।
*. इसके तहत भारतीयों को भारत परिषद एवं गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी परिषदों में नियुक्ति की गई।
*. इसके तहत केंद्रीय और प्रांतीय विधान परिषदों को पहली बार बजट पर वाद विवाद करने, सार्वजनिक हित के विषय पर प्रस्ताव पेश करने ,पूरक प्रश्न पूछने और मत देने का अधिकार मिला।
*. इस अधिनियम के तहत सत्येंद्र प्रसाद सिंह वायसराय की कार्यपालिका परिषद के प्रथम भारतीय सदस्य बने और उन्हें विधि सदस्य बनाया गया।
*. इस अधिनियम के तहत प्रेसीडेंसी कॉरपोरेशन चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स विश्वविद्यालय और जमीदारों के लिए अलग प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया गया।
***. 1909 ईस्वी में लॉर्ड मार्ले इंग्लैंड में भारत के राज्य सचिव थे और लॉर्ड मिंटो भारत के वायसराय।
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