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student life पिता और पुत्र की दर्द भरी कहानी, ये कहानी आपको कुछ नया सिखाएगी।

पिता और पुत्र की कहानी।

एक गांव में पिता और पुत्र रहते थे जिनके पास कुछ खेत और एक छोटा सा मकान था। पुत्र की उम्र 17 वर्ष थी जो पढ़ने में काफी तेज था पिता ने मेहनत मजदूरी करके पुत्र को 12वीं कक्षा तक पढ़ाया।
कहानी
पिता और पुत्र की कहानी


तभी एक दिन मास्टर जी आते हैं और पिता से कहते हैं कि अपने पुत्र को शहर में पढ़ने के लिए भेज दो क्योंकि यह पढ़ने में बहुत तेज है गांव में रहने से यह तुम्हारी तरह ही मेहनत मजदूरी करता रहेगा इससे अच्छा है कि इसे शहर में पढ़ने के लिए भेज दो तभी पुत्र भी कहने लगता है जी पिताजी मैं शहर में पढ़ना चाहता हूं। पिताजी कहते हैं बेटा तू शहर में कौन सी पढ़ाई करेगा बेटा बोलता है पिताजी मैं ग्रेजुएशन के साथ-साथ तैयारी भी करूंगा ताकि मुझे कोई नौकरी मिल सके। पिताजी मान जाते हैं और बेटे को शहर में पढ़ने के लिए यह सोच कर भेज देते हैं कि मेरा पुत्र एक दिन नौकरी करेगा और बड़ा आदमी बनेगा और हमें मेहनत मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी।

दो 4 महीने बीत जाने के बाद पुत्र की पढ़ाई के लिए पिता पैसों का इंतजाम नहीं कर पा रहे थे उधर पुत्र दोस्तों के साथ मौज मस्ती और पार्टी करता था तभी उन्होंने पुत्र से बिना बताए अपनी जमीन को बेच देते हैं और कुछ समय तक तो पुत्र का खर्चा चलता रहा और और अपनी ख्वाहिशों को पूरा करता था।

जब फिर पैसों की प्रॉब्लम होने लगी तो पिताजी घर पर सोच में बैठे हुए थे तभी शहर का एक आदमी आता है और पूछता है आप इतना उदास क्यों है आपको  क्या प्रॉब्लम है पिताजी अपनी सारी कहानी बताते हैं यह सुनने के बाद शहर का आदमी कहता है आप मेरे साथ शहर चलो मैं आपको पिज़्ज़ा डिलीवरी का काम दिलाऊंग जिससे आपके बेटे का खर्चा और आपका भी खर्चा चल जाएगा।

आदमी की बात मानकर पिताजी उसी शहर में जाते हैं जिस शहर में बेटा पढ़ाई कर रहा होता है और वह पिज़्ज़ा डिलीवरी का काम करने लगते हैं जिससे अपना तथा पुत्र का खर्चा चलाते हैं। एक दिन पुत्र पिता से फोन पर पूछता है कि पिताजी आप शहर में कौन सा काम करते हैं पिताजी बेटे से सही बात ना बोल कर कहते हैं मैं ऑफिस में छोटा सा काम करता हूं। ऐसे ही कई महीनों बीत जाते हैं।

एक दिन पुत्र अपने दोस्तों से साथ पार्टी कर रहा होता है और पिज़्जा डिलीवरी का ऑर्डर देता है कुछ समय बाद पिताजी पिज्जा लेकर पहुंचते हैं और दरवाजे की बेल को बजाते हैं तभी अंदर से एक दोस्त कहता है दरवाजा 5 मिनट बाद खोलना ताकि हमें पैसा देना ना पड़े।

5 मिनट बाद पुत्र जैसे ही दरवाजा खोलता है और पिताजी जैसे ही अंदर आते हैं वह अपने पिता को देखकर आश्चर्यचकित हो जाता है तभी उसके दोस्त कहते हैं अंकल आप 5 मिनट लेट आए हैं पिज़्ज़ा आपको फ्री में देना होगा हम आपको पैसा नहीं देंगे

तभी पिता अपने पुत्र से कहते हैं साहब मैं बहुत गरीब हूं मेरा एक पुत्र है जिसकी ख्वाहिश पूरा करने के साथ-साथ उसकी पढ़ाई का खर्चा भी देखना होता है यदि आप पैसे नहीं देंगे तो मेरी पेमेंट से काट लिया जाएगा इसलिए साहब आप मुझे पैसे दे दीजिए। यह सुनकर पुत्र रोने लगता है और कहता है पिताजी मुझे माफ कर दीजिए मैंने बहुत बड़ी गलती की है। यह सुनकर उसके दोस्त अचंभित हो जाते हैं।

तभी पुत्र अपने पिता के साथ रहने लगता है और कड़ी मेहनत के साथ पढ़ाई करने लगता है इसी बीच बेटे का ग्रेजुएशन पूरा हो जाता है और कुछ समय बीतने के बाद पुत्र पीसीएस (PCS) क्वालीफाई हो जाता है और दोनों सुखी जीवन बिताते हैं।

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इस कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है?

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें किसी का भरोसा नहीं तोड़ना चाहिए और मेहनत करने वाले सफल जरूर होते हैं।

यदि आप एक student हैं तो अपने माता-पिता का भरोसा कभी मत तोड़ना।

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