जानकारी के लिए आपको बता दें कि मूल संविधान में अनुसूचियों की संख्या 8 थी और वर्तमान में कुल अनुसूचियों की संख्या 12 है।
पहली अनुसूची-
पहली अनुसूची में भारतीय संघ के घटक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का उल्लेख है।
दूसरी अनुसूची-
दूसरे अनुसूची में भारतीय राजव्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारी के वेतन भत्ते से संबंधित एवं पेंशन का उल्लेख किया गया है।
तीसरी अनुसूची-
इस अनुसूची में पदाधिकारी द्वारा पद ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख किया गया है।
चौथी अनुसूची-
चौथी अनुसूची में विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्र की राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है।
पांचवी अनुसूची-
इस अनुसूची में विभिन्न अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के प्रशासन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख किया गया है।
छठवीं अनुसूची-
छठी अनुसूची में असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्र के प्रशासन के बारे में प्रावधान किया गया है।
सातवीं अनुसूची-
सातवीं अनुसूची में केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों के बंटवारे के बारे में दिया गया है इस सूची में सरकारों द्वारा शुल्क एवं कर लगाने के अधिकारों का उल्लेख है।
इसके अंतर्गत तीन अनुसूचियां आती हैं संघ सूची ,राज्य सूची एवं ,समवर्ती सूची
आठवीं अनुसूची-
आठवीं अनुसूची में भारत की 22 भाषाओं का उल्लेख किया गया है मूल रूप से आठवीं अनुसूची में 14 भाषाएँ थी ।
नौवीं अनुसूची-
यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम 1951 के द्वारा जोड़ी गई इसके अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति के अधिग्रहण की विधियों का उल्लेख किया गया है इस अनुसूची में 284 अधिनियम है।
दसवीं अनुसूची-
यह अनुसूची दल बादल से संबंधित है इस अनुसूची को 52 वें संविधान संशोधन 1985 के द्वारा जोड़ा गया है।
11वीं अनुसूची-
11वीं अनुसूचित 73वें संविधान संशोधन 1993 के द्वारा जोड़ी गई है यह अनुसूची पंचायतीयराज से संबंधित है इसमें 29 विषय प्रदान किए गए हैं।
12वीं अनुसूची-
इस अनुसूची को 74वें संविधान संशोधन 1993 के द्वारा जोड़ा गया है इसमें शहरी क्षेत्र के स्थानीय स्वशासन संस्थाओं का वर्णन किया गया है इस अनुसूची में 18 विषय प्रदान किए गए हैं।
दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं।
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