अनुच्छेद 72 में राष्ट्रपति के क्षमादान की शक्तियों का वर्णन है राष्ट्रपति के क्षमादान की शक्ति को विस्तृत से समझते हैं।
भारत के राष्ट्रपति को दंड पर निर्णय लेने का अधिकार है, जैसे कि दंड में स्थगन, क्षमा, दंड में छूट,लघुकरण आदि।
अनुच्छेद 72 का मुख्य उद्देश्य भारत के राष्ट्रपति को एक शक्तिशाली शक्ति प्रदान करना है। इस अनुच्छेद में राष्ट्रपति को सजा, मृत्युदंड या कोर्ट-मार्शल द्वारा सजा पर निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है।
इस अनुच्छेद में भारत के नौसेना, सेना और अन्य सिविल सेवकों को शामिल किया गया है। यदि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 का गहन विश्लेषण किया जाए तो यह पता चलता है कि अनुच्छेद 72 भारत के राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति के प्रयोग से संबंधित है।इसे निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है:
*दण्डविराम
*मोहलत
*क्षमा
*प्रेषण
*आना-जाना
राष्ट्रपति की क्षमा शक्ति को शामिल करने का उद्देश्य भारतीय संविधान की किसी भी न्यायिक त्रुटि तक पहुँचने और उसकी निगरानी करना था।
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