सर आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक थे। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धान्त की खोज की।
गति के नियम को सर्वप्रथम सर आइजक न्यूटन ने सन 1667 ईस्वी में अपनी पुस्तक प्रिंसिपिया में प्रतिपादित किया तभी से उनके सम्मान में इन नियमों को न्यूटन के गति का नियम कहते हैं।
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गति का तृतीय नियम-
गति के तीसरे नियम के अनुसार "प्रत्येक क्रिया के बराबर परंतु विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है।
अर्थात, दो वस्तुओं के पारस्परिक क्रिया में एक वस्तु जितना बल दूसरी वस्तु पर लगाती है, दूसरी वस्तु भी विपरीत दिशा में उतना ही बल पहली वस्तु पर लगाती है।
इनमें से किसी एक बाल को क्रिया व दूसरे बाल को प्रतिक्रिया कहते हैं इसलिए इसे क्रिया प्रतिक्रिया का नियम भी कहते हैं।
क्रिया - प्रतिक्रिया - प्रथम वस्तु द्वारा द्वितीय वस्तु पर लगाया गया बल क्रिया कहलाता है और द्वितीय वस्तु द्वारा प्रथम वस्तु पर लगाया गया बल प्रतिक्रिया कहलाता है ।
* क्रिया और प्रतिक्रिया का नियम वस्तु के स्थिर अथवा गतिशील दोनों स्थितियों में लागू होता है ।
* क्रिया एवं प्रतिक्रिया का नियम सभी प्रकार के बलों जैसे गुरुत्वीय , वैद्युत , चुम्बकीय बल आदि में लागू होता है।
गति के तृतीय नियम के उदाहरण-
गति कहते थे नियम के उदाहरण निम्नलिखित हैं
1. बंदूक से गोली निकलने पर पीछे की तरफ झटका देना।
2. नाम से कूदने प्रणाम कहां पीछे की तरफ हट जाना।
3. एक तैराक जब अपने हाथों से पानी को पीछे धकेल कर क्रिया करता है तो धकेला हुआ पानी तैराक को उतनी ही प्रतिक्रिया से आगे की ओर धकेल देता है ।
4. किसी धरातल पर स्थित पिण्ड का भार ( क्रिया बल ) नीचे की ओर लगता है , जबकि धरातल द्वारा प्रतिक्रिया बल पिण्ड पर ऊपर की ओर लगता हैं।
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