विश्व ब्रेल दिवस हर वर्ष जनवरी माह के 4 जनवरी को मनाया जाता है यह दिवस विश्व भर में दृष्टिबाधितों के लिए मनाया जाता है। ब्रेल दिवस एक शख्स लुइस ब्रेल के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है लुइस ब्रेल ने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया इसलिए इन्हें एक आविष्कारक के रूप में जाना जाता है। सर्वप्रथम ब्रेल दिवस सन् 2019 में 4 जनवरी को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विश्व ब्रेल दिवस मनाने की घोषणा हुई।
लुइस ब्रेल का परिचय -
ब्रेल लिपि की खोज ( आविष्कार) करने वाले लुइस ब्रेल का जन्म फ्रांस में सन् 1809 में हुआ था। लुइस के परिवार में चार भाई बहन थे जिनमें लुइस सबसे छोटे थे इनके पिता के पास घोड़े की काठी बनाने की दुकान थी।
जब लुइस तीन साल के थे दुकान में खेलते वक्त उन्होंने नुकीले औजार से लेदर के टुकड़े में छेद करना चाहा तभी नुकीला औजार हाथ से छिटक कर उनकी आंख में लग गया और गम्भीर चोट आई जिससे इन्फेक्शन हो गया और धीरे धीरे यह इन्फेक्शन दूसरी आंखों में फैल गया और 5 साल की उम्र में लुइस अपनी दोनों आखों की रोशनी खो चुके थे। लेकिन लुइस हार नहीं माने।
लुइस फा्रंस के मशहूर पादरी बैलेन्टाइन की शरण में जा पहुंचा। पादरी बैनेन्टाइन के प्रयासों के कारण 1819 में इस दस वर्षीय बालक लुइस को ‘ रायल इन्स्टीट्यूट फार ब्लाइन्डस् ’ में दाखिला मिल गया और कठीन परिश्रम के बाद 1829में ब्रेल लिपि का आविष्कार किया।
लुइस की मृत्यु 43 वर्ष की उम्र में सन 6 जनवरी 1852 में हो गई लेकिन मृत्यु के बाद उनका नाम नहीं मारा। लुइस की मृत्यु के पूरे एक सौ वर्षों के बाद फ्रांस में 20 जून 1952 के दिन उनके सम्मान का दिवस निर्धारित किया गया और उन्हें राष्ट्रीय ध्वज के साथ मृत्योपरान्त राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया।
ब्रेल लिपि
लुइस आठ वर्षो के कठीन परिश्रम से इस लिपि में अनेक संशोधन किये और अंततः 1829 में छह बिन्दुओ पर आधारित 64 अक्षर और चिह्न की ऐसी लिपि बनाने में सफल हुये। जिससे नेत्रहीन लोगों के लिए पढ़ने और लिखने में काफी मदद मिलती है जिसे ब्रेल लिपि कहा जाता है।
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