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अवतल दर्पण-Concave Mirror

            दोस्तों आप भी दर्पण का नाम सुने होंगे दोस्तों हम आपको बता दें कि दर्पण कई प्रकार के होते हैं जैसे अवतल उत्तल समतल आदि प्रकार के दर्पण होते हैं आज हम आपको अवतल दर्पण के बारे में बताने वाले हैं की 
अवतल दर्पण होता क्या है?, 
इसका प्रयोग कहां होता है?, 
इसकी पहचान क्या है?
 इसे भी पढ़ें। 

अवतल दर्पण-
                      ऐसा दर्पण वह दर्पण है जिसका परावर्ती पृष्ठ दबा हुआ होता है उसे अवतल दर्पण कहते हैं|

              अवतल दर्पण वह गोलीय दर्पण होता है जिसमें प्रकाश का परावर्तन अवतल सतह अर्थात वक्र सतह पर होता है। 

                अवतल दर्पण बनाने के लिए काँच के खोखले गोले के किसी भाग को काटकर उसके बाहरी पृष्ठ पर कलई कर दी जाए तो उसके आंतरिक पृष्ठ से प्रकाश का परावर्तन होने लगता है| ऐसा दर्पण अवतल दर्पण कहलाता है|

अवतल दर्पण के उपयोग-
                                       अवतल दर्पण के कई उपयोग हैं। 

1. नई की दुकान में अवतल दर्पण का उपयोग होता है।

2. नाक, कान,गला की जांच में डॉक्टर अवतल दर्पण का प्रयोग करते हैं।

3. टॉर्च,सर्च लाइट तथा वाहनों के हेडलाइट में अवतल दर्पण का प्रयोग होता है। 

4.डिश एंटीना का जो परावर्तक पृष्ठ होता है वह अवतल होता है| 

दर्पण सूत्र किसे कहते हैं?
                                   किसी गोलीय दर्पण के लिए वस्तु की दूरी u, प्रतिबिंब की दूरी v तथा फोकस दूरी f में संबंध दर्शाने वाले सूत्र या समीकरण को दर्पण सूत्र कहते हैं|

दर्पण सूत्र:- 1/f = 1/u + 1/v

दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं।











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