गोलिय दर्पण का वह भाग जिसके अंदर वाले भाग या सतह को रंग दिया जाता है तथा बाहरी भाग सतह परवर्तित हो तो इसे उत्तल दर्पण (Convex Mirror) कहते है। यह एक प्रकार का गोलीय दर्पण होता है।
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उत्तल दर्पण से प्रतिबिंब हमेशा आभासी, सीधा और छोटे ही बनते हैं ।
उत्तल दर्पण का उपयोग-
उत्तल दर्पण के अनेक उपयोग किए जाते हैं।
1.इसका उपयोग गाड़ी में चालक की सीट के पीछे के दृश्य को देखने में किया जाता है।
2.ऑप्टिकल वाद्ययंत्रों में उत्तल दर्पण का उपयोग किया जाता है।
3.घंटी कॉलिंग में।
4.सोडियम परावर्तक लाइन पर में उत्तल दर्पण का प्रयोग किया जाता है ।
उत्तल दर्पण और अवतल दर्पण में अन्तर-
1.उत्तल दर्पण में परावर्तक सतह बाहर की ओर उभरा हुआ होता है । अवतल दर्पण में परावर्तक सतह अंदर की ओर उभरा हुआ होता है ।
2.उत्तल दर्पण प्रकाश को बाहर की ओर प्रतिबिम्बित करता है। अवतल दर्पण प्रकाश को अंदर की ओर प्रतिबिंबित करता है ।
3.उत्तल दर्पण में प्रत्येक दशा में प्रतिबिंब दर्पण के पीछे, उसके ध्रुवों बीच वस्तु से छोटा, सीधा एवं आभासी बनता है । अवतल दर्पण में प्रतिबिंब वास्तविक एवं उल्टा बनता है ।
4.उत्तल दर्पण से बना हुआ प्रतिबिंब वस्तु के मूल आकार से छोटा होता है। अवतल दर्पण से बना हुआ प्रतिबिंब वस्तु के मूल आकार से बड़ा होता है।
5.उत्तल दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब की और दो ही परिस्थितियों में बनता है अवतल दर्पण में वस्तु का प्रतिबिंब कुल 06 परिस्थितियों में बनता है।
महत्वपूर्ण प्रश्न-
कौनसे दर्पण में वृहद दृष्टि क्षेत्र दिखेगा .?
Ans उत्तल दर्पण ।
Q. प्रकाश का वेग सर्वाधिक होगा.?
Ans निर्वात में ।
Q. किस प्रभाव के कारण टंकी के पेंदे पर रखा सिक्का थोड़ा ऊपर उठा हुआ दिखाई देता है.?
Ans अपवर्तन ।
Q. यदि एक दर्पण की फोकस दूरी + 60 सेमी . हैं तो यह दर्पण होगा.?
Ans उत्तल दर्पण ।
Q. एक समतल दर्पण की फोकस दूरी होगी .?
Ans अनन्त ।
Q. एक उत्तल दर्पण में सदैव प्रतिबिम्ब बनेगा .?
Ans आभासी व सीधा ।
Q. एक लेंस की क्षमता + 2 डायप्टर है तो उसकी फोकस दूरी होगी .?
Ans 0.5 मीटर
Q. दूर दृष्टि दोष में व्यक्ति को .?
Ans दूर की वस्तु स्पष्ट दिखाई देगी ।
Q. एक उत्तल लेंस की फोकस दूरी 15 cm. है तो बिम्ब को लेंस से कितनी दूरी पर रखा जाए कि प्रतिबिम्ब वास्तविक एवं बिम्ब के बराबर आकार का बने .?
Ans 30 cm.
दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं।
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