लोगों को जागरूक तथा शिक्षित करने के लिए 17 नवंबर 1964 को यूनेस्को द्वारा 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा किया गया।
पहली बार अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 8 सितंबर 1966 को मनाया गया यह दिवस पूरे विश्व भर में मनाया जाता है इसका उद्देश्य व्यक्तिगत, सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना है।
आज भी दुनिया भर में लगभग 80 करोड से अधिक युवा साक्षरता की कमी से प्रभावित है अर्थात अभी भी 30 परसेंट पुरुष तथा 40 परसेंट महिलाएं अशिक्षित हैं।
आज के युग में शिक्षा का बहुत ही महत्व है आज प्रत्येक देश अपने देश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में लगा हुआ है यदि देश की शिक्षा व्यवस्था अच्छी और सभी साक्षर हैं तो देश के विकास में काफी मदद मिलती है।
यदि कोई युवा शिक्षित है तो समझ लीजिए उसके पास बहुत कुछ है वह किसी भी हाल में अपनी जीविका को चला सकता है और अपने जीवन को बेहतर बना सकता है आज के युग में प्रत्येक जगह शिक्षा का बहुत ही महत्व है आज भी कुछ देश ऐसे हैं जहां बहुत कम लोग ही शिक्षित हैं और शिक्षा व्यवस्था भी सही नहीं होने के कारण लोग अशिक्षित रह जाते हैं।
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