हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 श्री को मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप और आमेर के महाराजा मानसिंह प्रथम के नेतृत्व में मुगल बादशाह अकबर के बीच हुआ था बताया जाता है कि इस युद्ध में महाराणा प्रताप की सेना को पीछे हटना पड़ा था।
हल्दीघाटी युद्ध के बारे में जाने से पहले आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि हल्दीघाटी असल में अरावली पर्वत से गुजरने वाला एक दर्रा है जो राजस्थान में उदयपुर से 40 किलोमीटर दूर है इस दर्रे की मिट्टी हल्दी की तरह पीली होने के कारण इसका नाम हल्दीघाटी पड़ा।
लड़ाई की शुरुआत उस वक्त हुई जब राजपूतों के क्षेत्रों पर अकबर द्वारा नियंत्रण हासिल करके अपने सांसद क्षेत्र को बढ़ाने की योजना बना रहा था।
असल में यह हुआ कि राजस्थान में महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह को छोड़कर बाकी सभी राजाओं ने मुगल वंश को अपना लिया था और और मेवाड़ के राजघरानों ने मुगलों के सामने झुकना पसंद नहीं किया ऐसे में अकबर ने राज विस्तार के लिए 1567 में चित्तौड़गढ़ की घेराबंदी कर दी, इसके बाद उदय सिंह पद छोड़ने पर मजबूर हो गए और रक्षा की जिम्मेदारी मेड़ता के राजा जयमल को दी गई, जो युद्ध के दौरान मारे गए, इसके बाद उदय सिंह 4 साल बाद अपनी मृत्यु तक अरावली के जंगलों में रहे।
उदयसिंह की मृत्यु के बाद उनका पुत्र महाराणा प्रताप सिंह ने मेवाड़ की कमान को संभाला, अकबर प्रताप से कई बार बात की लेकिन प्रताप मुगलों की नहीं माने और अकबर महाराणा प्रताप से युद्ध करने का फैसला किया इतिहासकारों का मानना है कि मेवाड़ की सेना मुगलों की सेना के सामने काफी छोटी थी और इन्हें युद्ध में काफी नुकसान सहना पड़ा तथा महाराणा प्रताप की सेना को पीछे हटना पड़ा।
पूछे जाने वाले प्रश्न
1. हल्दीघाटी का युद्ध कब हुआ?
जवाब- 18 जून 1576
2. हल्दीघाटी का युद्ध किसके बीच हुआ?
जवाब- महाराणा प्रताप और अकबर के बीच
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