प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का सर्वप्रथम आयोजन 10 जनवरी से 14 जनवरी 1975 को हुआ था इसका आयोजन भारत के नागपुर में हुआ था।
प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के तत्वावधान में हुआ इस सम्मेलन से संबंधित राष्ट्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष उपराष्ट्रपति श्री बी.डी. जत्ती थे।
प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन का बोधवाक्य -वसुधैव कुटुंबकम था प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन में 30 देशों के कुल 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
प्रारंभ में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन प्रत्येक 4 वर्ष पर किया जाता था परंतु वर्तमान में इसे घटाकर 3 वर्ष कर दिया गया अब प्रत्येक 3 वर्ष पर विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्देश्य-
प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन के निम्नलिखित उद्देश्य थे।
1. हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्रदान करना तथा इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी को अधिकारिक भाषा के रूप में स्थान दिया जाए।
3. वर्धा में विश्व हिंदी विद्यापीठ की स्थापना की जाए।
4. विश्व हिंदी सम्मेलन को स्थायित्व प्रदान करने के लिए योजना बनाई जाए।
5. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए।
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