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न्यूटन के गति का द्वितीय नियम-

न्यूटन-
               सर आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक थे। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धान्त की खोज की।
इसे भी पढ़ें।

    दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से न्यूटन के द्वितीय नियम के बारे में बताने वाले हैं।

गति का द्वितीय नियम-
                                   न्यूटन के गति का तृतीय नियम के अनुसार किसी वस्तु की रेखीय संवेग में परिवर्तन के दर उस वस्तु पर आरोपित वाह्य बल के समानुपाती होती है। 

      वास्तु के रेखीय संवेग में यह परिवर्तन कार्यरत बल के कारण कार्यरत बल की दिशा में होती है।

F = m × a

   अर्थात, किसी वस्तु पर लगाया गया बल उस वस्तु के द्रव्यमान और त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है।

* बल लगाने पर वस्तु में उत्पन्न त्वरण बल की दिशा में उत्पन्न होता है।

* न्यूटन का प्रथम नियम बल की परिभाषा देता है , जबकि न्यूटन का द्वितीय नियम बल का परिमाण निर्धारित करता है।

न्यूटन की गति के द्वितीय नियम के उदाहरण-

1. कैच पकड़ते समय अपने हाथों को पीछे की तरफ खींचना, जिस गेंद का वेग कम हो जाता है और खिलाड़ी को चोट नहीं लगती है। 

2. ऊंचाई से किसी व्यक्ति द्वारा रेत पर कूदने से चोट कम लगती है। 

न्यूटन का आविष्कार नियम तथा खोज-

कैलकुलस, परिवर्तन का गणित, जो हमारे आसपास की दुनिया की हमारी समझ के लिए महत्वपूर्ण है
गुरुत्वाकर्षण
प्रकाशिकी और प्रकाश का व्यवहार
उन्होंने पहला कार्यशील परावर्तक दूरबीन भी बनाया
उन्होंने दिखाया कि केप्लर के ग्रहों की गति के नियम न्यूटन के सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण के असाधारण मामले हैं

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