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रक्षाबंधन 2021 का शुभ मुहूर्त क्या है?,रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?, इसका इतिहास क्या है?, रक्षा बंधन 2021,

रक्षाबंधन क्या है?, रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है? रक्षाबंधन का इतिहास क्या है?, इस बार रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त क्या है?
राखी का त्यौहार
रक्षाबंधन

रक्षाबंधन क्या है?
                           रक्षाबंधन हिंदुओं का अनोखा त्यौहार है जिसे भारत में ही नहीं अन्य देशों में रक्षाबंधन का त्यौहार हर्ष उल्लास से मनाया जाता है। 

रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्यार के रूप में मनाया जाता है जिसमें बहन द्वारा अपने भाई के कलाई में राखी बांधती है और भगवान से यह प्रार्थना करते हैं कि उनका भाई खुश और स्वस्थ रहें और अपने भाइयों को मिठाई भी खिलाती है भाई द्वारा अपने बहनों को उपहार भी दिया जाता है 

भाई बहन का रिश्ता इतना पवित्र होता है कि पूरे विश्व में इसका सम्मान किया जाता हैै।
रक्षाबंधन प्रत्येक वर्ष श्रावण माह के पर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

रक्षाबंधन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है रक्षा और बंधन, जहां पर रक्षा का अर्थ है रक्षा प्रदान करना और बंधन का अर्थ है एक गांठ या फिर एक डोर जो बहनों की रक्षा प्रदान करें। यह रिश्ता केवल खून के रिश्ते को ही नहीं बल्कि पवित्र रिश्ता को मानता है।

रक्षाबंधन का त्यौहार आते ही बहनों के चेहरे पर मुस्कान छा जाती है कई दिनों पहले से ही बाजारों में राखियां बिकने लगती हैं और जो बहन काफी दूर होती है वह अपने भाइयों के लिए कुछ दिन पहले से ही राखी खरीद कर डाक द्वारा राखियां भिजवा देती हैं।

राखी के दिन हलवाई की दुकान पर अनेक प्रकार की मिठाईयां तैयार की जाती है सभी के घर पर अच्छे-अच्छे पकवान भी बनाए जाते हैं राखी का इतना महत्व है कि यह एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

22 अगस्त 2021 रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त क्या है?

रक्षाबंधन - 22 August 2021
दिन - रविवार
शुभ मुहूर्त - सुबह 6:15 बजे से शाम 7: 40 बजे तक
                                 कुल 13 घंटे 25 मिनट तक
रक्षाबंधन प्रदोष मुहूर्त - रात 8: 08 से रात्रि10:18 तक
          मोबाइल से चालान पता करने के लिए क्लिक करें                                            
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?
                                           रक्षाबंधन का त्यौहार प्रत्येक वर्ष श्रावण माह के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है लेकिन हर किसी के मन में एक सवाल आता है कि हम रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं तो इसका जवाब है हम रक्षाबंधन इसलिए मनाते हैं कि यह एक भाई और बहन के प्रति प्यार और कर्तव्य को याद दिलाता है इस त्यौहार को केवल सगे भाई -बहन ही नहीं बल्कि कोई भी स्त्री और पुरुष इस त्यौहार की मर्यादा को समझ कर मनाते हैं।

जिसमें बहन अपने भाई के कलाई में राखी बांधती है और भगवान से प्रार्थना करती है कि मेरे भाई की उम्र लंबी हो, वह हमेशा खुश रहे और स्वस्थ रहें। और भाई अपनी बहन को कुछ उपहार देता है और प्रतिज्ञा लेता है कि किसी भी परिस्थिति में अपनी बहन की रक्षा करेगा।

रक्षाबंधन का इतिहास क्या है?
                                          रक्षाबंधन का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है चाहे अमीर हो या गरीब हो सभी इस त्योहार को मनाते हैं लेकिन इस त्यौहार को कब से मनाया जाता है इसका इतिहास क्या है इसकी कई सारी कहानियां है तो चलिए इन कहानियों को जान लेते हैं।

1. सिकंदर और राजा पुरु
                                   326 ईसवी पूर्व सिकंदर और राजा पोरस के बीच एक युद्ध हुआ इस युद्ध से पहले सिकंदर की पत्नी रोशानक ने राजा पोरस को एक राखी भेजी थी ताकि राजा पोरस सिकंदर के ऊपर जानलेवा हमला ना करें क्योंकि उस समय राजा पोरस एक महान योद्धा हुआ करते थे इस युद्ध में राजा पोरस ने सिकंदर के ऊपर हमला ना करके युद्ध को हार कर राखी के सम्मान को बचाया।

2. रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं की कहानी
                                                               हुमायूं और रानी कर्णावती की कहानी कुछ अलग है उस समय अपने राज्य को बचाने के लिए राखी का उपयोग किया जाता था जिसमें भाई अपनी बहनों की रक्षा किया करते थे उस समय कर्णावती चित्तौड़ की रानी हुआ करती थी और वह विधवा थी 

एक बार गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने उन पर हमला कर दिया जब वह अपने राज्य को बचाने में असफल होने लगी तो उन्होंने हुमायूं को राखी भेजी और हुमायूं ने अपनी बहन की रक्षा के लिए सेना को चित्तौड़ भेज दिया और बहादुर शाह की सेना को पीछे हटना पड़ा।

3. कृष्ण और द्रौपदी की कहानी
                                           भगवान कृष्ण को लोगों की रक्षा के लिए दुष्ट राजा शिवपाल को मारना पड़ा इस युद्ध के दौरान उनके हाथों में चोट आ गई थी जिसे देखकर द्रोपदी ने अपने वस्त्र को फाड़ कर कृष्ण के हाथों में बांधकर खून को रोका था तभी से किसने द्रोपदी को बहन मानकर वचन देते हैं की किसी भी परिस्थिति में मैं तुम्हारा हमेशा साथ दूंगा।

जब द्रोपदी को कुरु सभा के जुए में हार गए तब कौरव के राजा दुहसासन ने द्रौपदी का चीरहरण करने लगा तब कृष्णा ने द्रोपदी की रक्षा कर उनकी लाज बचाए थे।

4. रविंद्र नाथ टैगोर 1905 की कहानी
                                                    अंग्रेजों ने जिस समय भारत पर सत्ता जमाए रखने के लिए डिवाइड एंड रूल्स की पद्धति अपना रहे थे उस समय रविंद्र नाथ टैगोर ने लोगो में एकता को बनाए रखने के लिए रक्षाबंधन का त्योहार मनाया था।

भारत में रक्षा बंधन कौन-कौन धर्म के लोग मनाते हैं?
भारत में रक्षा बंधन हिंदू, सिख, जैन धर्म के लोग मनाते हैं
हिंदू धर्म - रक्षाबंधन का त्यौहार हिंदू धर्म में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है हिंदुओं में इस त्यौहार को राखी का त्यौहार भी कहा जाता है। रक्षाबंधन भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल मारीशस में भी मनाया जाता है।

सिख धर्म - सिख धर्म में भी रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहन के बीच मनाया जाता है सिख धर्म में इस त्यौहार को राखरी का त्यौहार कहा जाता है।

जैन धर्म - रक्षाबंधन का त्यौहार जैन धर्म में भी मनाया जाता है जैन धर्म के पंडित भक्तों को पवित्र धागा बांधकर इस त्यौहार को बनाते हैं।

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