आगरा के किले की मरम्मत अकबर द्वारा सन 1565 ईसवी के आसपास कराया गया इसमें लगभग 1444000 मजदूरों ने 8 वर्षों तक लगातार कार्य किए तब जाकर 1573 ईस्वी में बनकर तैयार हुआ अकबर ने किले के ढांचे में काफी परिवर्तन किया इसी कारण अकबर को आगरा का किला निर्माण करने का श्रेय दिया जाता है बाकी कार्य इसका पोता शाहजहां ने करवाया था।
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि आगरा का किला मुगलों के आने से पहले ही स्थापित किया गया था सबसे पहले सिकरवार वंश के राजाओं द्वारा ईंटों का भव्य किला तैयार किया गया था जिस पर महमूद गजनवी ने 1080 ईस्वी में कब्जा कर लिया था
दिल्ली संतलत पर शासन करने वाला सबसे पहला शासक सिकंदर लोदी था जिसने 1504 ईसवी में आगरा के किले की मरम्मत करवाई थी सिकंदर लोदी के मृत्यु के बाद अब्राहिम लोधी ने इस पर शासन किया, पानीपत के प्रथम युद्ध के बाद मुगलों ने आगरा पर अपना आधिपत्य जमा लिया, इब्राहिम लोदी के मृत्यु के बाद बाबर ने लाल किला पर शासन किया इसके बाद इसका बेटा हुमायूं उसके बाद शेर शाह सुरी ने लाल किले पर शासन किया।
मुगलों के प्रसिद्ध शासक अकबर ने आगरा के इस महल को देखते हुए इसे अपनी राजधानी बनाने का निर्णय लिया आगरा के किले का नाम पहले बादलगढ़ था जो कई हमलों के कारण बहुत खराब स्थिति में था मुगल शासक अकबर द्वारा इस महल की फिर से मरम्मत करवाया गया बाहर के आवरण को लाल बलुआ पत्थर से ढका गया तथा भीतर ईट का ढांचा तैयार किया गया।
आगरा का लाल किला वास्तुकला की दृष्टि से बहुत ही सुंदर है जो यमुना नदी के किनारे स्थित है इसका आकार अर्ध वृत्ताकार है लाल किले की सुरक्षा के लिए इसके चारों तरफ लगभग 70 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है यहां से ताजमहल 2.5 किलोमीटर दूरी पर है।
आगरा का किला भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में यमुना नदी के किनारे स्थित है जिसे 1983 में विश्व धरोहर में शामिल किया गया था।
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