पृथ्वी को बड़े-बड़े स्थलीय भू भाग में बांटा गया है इस बड़े स्थलीय भू भाग को महाद्वीप कहा जाता है।
पृथ्वी को सात महाद्वीप में बांटा गया है जिसमें से 1 महाद्वीप अंटार्कटिका महाद्वीप है आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से अंटार्कटिका महाद्वीप के बारे में बताने वाले हैं।
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अंटार्कटिका महाद्वीप-
अंटार्कटिका महाद्वीप क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का पांचवा सबसे बड़ा महाद्वीप है यह महाद्वीप यूरोप से 1.3 गुना बड़ा है और यह महाद्वीप पृथ्वी के दक्षिणी छोर पर स्थित है तथा दक्षिणी महासागर से घिरा हुआ है।
अंटार्कटिका महाद्वीप को श्वेत महाद्वीप भी कहा जाता है क्योंकि इस महाद्वीप में पृथ्वी का 90% हिम इसी महाद्वीप में उपस्थित है तथा विश्व के ताजा पानी का 70% पानी यहां पाया जाता है।
अंटार्कटिका महाद्वीप पृथ्वी का सबसे ठंडा और शुष्क महाद्वीप है यहां तेज बर्फीली हवाएं चलती रहती हैं।
अंटार्कटिका महाद्वीप अंटार्कटिका पर्वतमाला द्वारा दो भागो पूर्वी अंटार्कटिका और पश्चिमी अंटार्कटिका में बटा हुआ है।
अंटार्कटिका महाद्वीप में माउंट इरेबस यहां का सक्रिय ज्वालामुखी है और एल्सवर्थ पर्वत पर उपस्थित विंसन मेसिफ यहां का सबसे ऊंचा स्थान है जिसकी ऊंचाई 4892 मीटर है।
अंटार्कटिका महाद्वीप पृथ्वी का सबसे ठंडा स्थल है यहां पर विश्व का सबसे कम तापमान -90 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया था।
अंटार्कटिका महाद्वीप में मनुष्य के निवास की संभावना नहीं है यहां अत्यधिक शीत वातावरण के कारण शीत वातावरण में पाए जाने वाले पेड़ पौधे और जीव जंतु पाए जाते हैं।
17 जनवरी 1973 को सबसे पहले कैप्टन जेम्स कुक ने पहली बार अंटार्कटिका वृत्त को पार किया था और अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहली बार कदम रखने का श्रेय अमेरिकी अन्वेषक जान डेविस को जाता है इन्होंने 7 फरवरी 1821 को अंटार्कटिका महाद्वीप पर कदम रखा था।
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