इन सभी सवालों का जवाब आप को इस आर्टिकल में नीचे मिल जाएगा इसलिए इसे पूरा पढ़ें।
प्रश्न - जी आई टैग क्या होता है?
GI टैग - इसका पूरा नाम ज्योग्राफिकल इंडिकेशंस या इसेेे हिंदी में भौगोलिक चिन्ह कहा जाता है।
भौगोलिक चिन्ह एक ऐसा चीज है जो वस्तुओं की विश्व में पहचान कराता है जिसमें वस्तुओं की विशेषता, गुणवत्ता, प्रतिष्ठा से मिलता है जैसे प्राकृतिक वस्तुएं, कृषि उत्पाद ,निर्मित वस्तुएं आदि उनके राज्य क्षेत्र से शामिल होते हैंं। उस वस्तुु को कानूनी अधिकार देेेेे दिया जाता है । जिससे वस्तु कीमत और मांग दोनों बढ़ जाती है।
प्रश्न - जी आई टैग कब से लागू हुआ?
भारतीय संसद ने 1999 में रजिस्ट्रेशन और प्रोडक्शन के तहत ज्योग्राफिकल इंडिकेशंस ऑफ गुड्स लागू किया।
इसके अनुसार भारत के किसी राज्य क्षेत्र में पाई जाने वाली विशेष वस्तु को कानूनी अधिकार उस राज्य को दे दिया जाता है।
प्रश्न - जी आई टैग कितने वर्षों के लिए दिया जाता है?
किसी भी वस्तु को जीआई टैग 10 वर्षों के लिए दिया जाता है। यानी कि 10 वर्षों तक मान्य रहेगा।
प्रश्न- जी आई टैग कौन देता है?
भौगोलिक संकेत पंजीकरण संरक्षण एक्ट 1999 के तहत भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री द्वारा जारी किया जाता है। जो आंतरिक व्यापार, वाणिज्य ,उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है। जिसका मुख्यालय चेन्नई में है। जीआई टैग प्राप्त करने के लिए उसकी मांग के साथ साथ रजिस्ट्रेशन भी कराना होता है।
प्रश्न - सबसे पहले जी आई टैग किसे मिला?
सबसे पहले जीआई टैग सन 2004 में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग चाय को मिला था।
*हाल ही में दिया गया नया जी आई टैग।
सोजत की मेहंदी -राजस्थान
जुडिमा राइस वाइन -असम
तेजपुर लीची - असम
वाडा कोमल चावल- महाराष्ट्र
अलीबाग सफेद प्याज -महाराष्ट्र
हापुस आम -महाराष्ट्र
नागा खीरा -नागालैंड
गुच्छी मशरूम -जम्मू कश्मीर
कांटेदार बैगन- तमिलनाडु
सुंदरबन का शहद -पश्चिम बंगाल
मखाना- बिहार
प्रश्न - सबसे ज्यादा जीआई टैग किस राज्य को मिला है?
भारत में सबसे ज्यादा जीआई टैग प्राप्त करने वाला राज्य कर्नाटक है कर्नाटक को कुल अब तक 42 से अधिक जी आई टैग प्राप्त हो चुके हैं।
कर्नाटक राज्य के जीआई टैग -
गुलबर्गा तूर दाल, सिरसी सुपारी, अरेबिका कॉफी, मैसूर सिल्क, मैसूर अगरबत्ती, मैसूर चंदन का तेल, कसूती कढ़ाई, मैसूर का पान का पत्ता, मैसूर पारंपरिक पेंटिंग, इल्कल साड़ी, कमालपुर का लाल केला, बंगलुरु ब्लू अंगूर, पोकली चावल, धारवाद पेड़ा इत्यादि।
पश्चिम बंगाल राज्य के जी आई टैग
दार्जिलिंग चाय, लक्ष्मण भोग आम, शांतिपुर साड़ी,बांग्लार रसोगोला,गोबिंदभोग चावल, इत्यादि
महाराष्ट्र राज्य के जीआई टैग
कोल्हापुरी चप्पल, अल्फांसो आम,नासिक वैली वाइन, पुनेरी पगड़ी,पैठणी साड़ी और कपड़े,नासिक का अंगूर इत्यादि
उत्तर प्रदेश राज्य के जीआई टैग
चुनार बलुआ पत्थर, टेराकोटा हस्तकला गोरखपुर, बनारसी साड़ी, निजामाबाद काली मिट्टी के बर्तन,मिर्ज़ापुर की हस्तनिर्मित दरी, लखनऊ दर्दोजी,मालिहाबादी दशहरी आम इत्यादि
तमिलनाडु राज्य की जीआई टैग
डिंडी ताले, पलानी मंदिर के पंच तीर्थ , कादलाई मिठाई, Kodaikanal malai, कंडागी साड़ी,टोडा कढ़ाई,एठोमोझी लंबा नारियल,मदुरै मल्ली इत्यादि
तेलंगाना राज्य के जीआई टैग
तेलिया रुमाल,गडवाल साड़ी ,हैदराबाद हलीम,नारायणपेट हैंडलूम साड़ी इत्यादि।
मणिपुर राज्य के जीआई टैग
कचहरी नींबू, मोईरंग फेई, चाकहाओ चावल, शफी लंफी, इत्यादि।
बिहार राज्य के जीआई टैग
दर्जाल आम, शाही लीची, मखाना, कतरनी चावल, शिलवा खाजा,भागलपुर सिल्क्स, मघई पान इत्यादि।
मध्य प्रदेश राज्य के जीआई टैग
कड़कनाथ मुर्गा,दतिया और टीकमगढ़ का बेल मेटल वेयर,रतलामी सेव,महेश्वर साड़ी और कपड़ा इत्यादि।
गोवा राज्य के जीआई टैग
खोला चिल्ली, फेनी इत्यादि
केरल राज्य के जीआई टैग
वायनाड रॉबस्टा कॉफी, tirur betal pata,पोकली चावल,एलेप्पी ग्रीन इलायची, पलक्कड़ का मदालम, इत्यादि।
अरुणाचल प्रदेश राज्य के जीआई टैग
Mishmi hastshilp,अरुणाचल ऑरेंज, इत्यादि।
ओडिशा राज्य के जीआई टैग
अरेबिका कॉफी, कंधमाल हल्दी, रसगुल्ला,गंजम केवड़ा फूल, संबलपुरी बंद साड़ी, इत्यादि
झारखंड राज्य के जीआई टैग
सोहराई गोबर पेंटिंग,
नागालैंड के जीआई टैग
नागा पेड़ टमाटर, नागा मिर्च
गुजरात राज्य के जीआई टैग
संखेडा फर्नीचर, कच्छ कढ़ाई, गिर केसर आम इत्यादि
राजस्थान राज्य के जीआई टैग
मकराना मार्बल, बगरू हाथ ब्लॉक प्रिंट,बीकानेरी भुजिया, सांगानेरी हैंड ब्लॉक प्रिंट,
उत्तराखंड राज्य के जीआई टैग
उत्तराखंड तेजपत्ता
हिमाचल प्रदेश के जीआई टैग
कांगड़ा पेंटिंग, किन्नौरी साल,
छत्तीसगढ़ राज्य के जीआई टैग
मछलीपट्टनम कलमकारी, बस्तर ढोकरा,बस्तर लौह शिल्प इत्यादि।
आशा करता हूं दोस्तों आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी अधिक से अधिक जानकारी के लिए हमें फॉलो करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।
0 टिप्पणियाँ